दिल में एक अजब सी हलचल है
न जाने कैसा ये एहसास है
तू दूर होकर भी लगता है जैसे पास है
न जाने कैसा ये एहसास है
तू दूर होकर भी लगता है जैसे पास है
कहना बहुत कुछ चाहा था तुझसे
पर एहसासों को लफ्जो में न ढाल सकी
तुने मुझे अपनी दुनिया से निकल दिया
पर मैं तुझे दिल से भी न निकाल सकी
तुझे तो नींद आती होगी चैन की
पर मैं इक रात भी चैन की न गुजार सकी
महीनो बीते,वक़्त चलता रहा
पर मैं आज भी वहीँ खड़ी हूँ
एक लम्हा भी तेरे बिना न गुजार सकी
तेरे लिए में कोई बीता लम्हा हूँ
या शायद कोई अफसाना
पर मेरे लिए तू वो धुरी है
जहाँ से शुरू होता है मेरी ज़िन्दगी का हर फ़साना
तेरी यादों से सुबह शुरू होती है
तेरी यादों में ही शामें ढल जाती हैं
स्याह काली रातो में भी तेरी यादें
बेसबब मुझको रुलाती हैं
भूल जाउंगी तुम्हे हर रोज़ ये फैसला करती हूँ
न बहेगा अब आंसू का एक कतरा भी अब तेरे लिए
न जाने कितनी बार ये हौसला करती हूँ
हर बार फिर ताश के पत्तो की तरह बिखर जाती हूँ
फिर तेरी ही यादों की परछाईओं से घिर जाती हूँ
मौत से हारा करती है जिंदगी अक्सर
पर में अपनी ही जिंदगी से मात पाती हूँ
तुने मुझे अपनी दुनिया से निकल दिया
पर मैं तुझे दिल से भी न निकाल सकी
तुझे तो नींद आती होगी चैन की
पर मैं इक रात भी चैन की न गुजार सकी
महीनो बीते,वक़्त चलता रहा
पर मैं आज भी वहीँ खड़ी हूँ
एक लम्हा भी तेरे बिना न गुजार सकी
तेरे लिए में कोई बीता लम्हा हूँ
या शायद कोई अफसाना
पर मेरे लिए तू वो धुरी है
जहाँ से शुरू होता है मेरी ज़िन्दगी का हर फ़साना
तेरी यादों से सुबह शुरू होती है
तेरी यादों में ही शामें ढल जाती हैं
स्याह काली रातो में भी तेरी यादें
बेसबब मुझको रुलाती हैं
भूल जाउंगी तुम्हे हर रोज़ ये फैसला करती हूँ
न बहेगा अब आंसू का एक कतरा भी अब तेरे लिए
न जाने कितनी बार ये हौसला करती हूँ
हर बार फिर ताश के पत्तो की तरह बिखर जाती हूँ
फिर तेरी ही यादों की परछाईओं से घिर जाती हूँ
मौत से हारा करती है जिंदगी अक्सर
पर में अपनी ही जिंदगी से मात पाती हूँ