हम क्या सुनाते किसी को अपने दर्द की दास्ताँ
यहाँ तो पहले ही हर कोई अपने गम से ग़मगीन है ,
फिजूल है कोई ख्वाब बोना इन आँखों में
अब ये सिर्फ एक खुश्क बंजर ज़मीन हैं
क्या आस लगते मदद की किसी से
की भीड़ में खड़ा हर शख्स तमाशबीन है
भूल कर बैठी हूँ सारे जहाँ को तन्हाई में
अब तेरी यादें ही मेरी हमनशीं हैं
इल्म है हमें अपने अधूरेपन का लेकिन फिर भी
कभी तो पूरी होगी ये दास्ताँ, हम मुतमईन हैं
-सोमाली
यहाँ तो पहले ही हर कोई अपने गम से ग़मगीन है ,
फिजूल है कोई ख्वाब बोना इन आँखों में
अब ये सिर्फ एक खुश्क बंजर ज़मीन हैं
क्या आस लगते मदद की किसी से
की भीड़ में खड़ा हर शख्स तमाशबीन है
भूल कर बैठी हूँ सारे जहाँ को तन्हाई में
अब तेरी यादें ही मेरी हमनशीं हैं
इल्म है हमें अपने अधूरेपन का लेकिन फिर भी
कभी तो पूरी होगी ये दास्ताँ, हम मुतमईन हैं
-सोमाली
bahut hi bahut hi accha likha hai tum isse v aaccha likh sakte ho all da best :)
ReplyDeleteDard , Alfazo mai bakubi utra hai :)
ReplyDeletenice one !
बहुत खूबसूरत गज़ल ...
ReplyDeleteकवाब -- ख्वाब कर लें
bahut sunder........
ReplyDeleteसुन्दर अभिव्यक्ति के लिए आभार.
ReplyDeleteमित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाये
ReplyDeletebahot khoobsurat......
ReplyDeleteMitrta divas ki bdhai....
ReplyDeleteBahut hi achi rachna.....
Jai hind jai bharatMitrta divas ki bdhai....
Bahut hi achi rachna.....
Jai hind jai bharat
सोमाली जी
ReplyDeleteनमस्कार !
भावपूर्ण नज़्म है -
हम क्या सुनाते किसी को अपने दर्द की दास्तां
यहां तो पहले ही हर कोई अपने गम से ग़मगीन है
हार्दिक बधाई के साथ और भी श्रेष्ठ सृजन के लिए शुभकामनाएं !
मित्रता दिवस की शुभकामनाओ सहित…
-राजेन्द्र स्वर्णकार
बहुत खूबसूरत...
ReplyDeleteAchchha likha hai . sdhi lekhani hai
ReplyDeleteआशा आवश्यक है
ReplyDeleteशुभकामनायें आपको !
khubsoorat.....
ReplyDeleteफिजूल है कोई ख्वाब बोना इन आँखों में
ReplyDeleteअब ये सिर्फ एक खुश्क बंजर ज़मीन हैं..
बहुत खूब ! बहुत ख़ूबसूरत गज़ल..
somali ji
ReplyDeletebahut hi prashanshniy prastuti .
har panktiyan padh kar sach hi prateet hoti hain
इल्म है हमें अपने अधूरेपन का लेकिन फिर भी
कभी तो पूरी होगी ये दास्ताँ, हम मुतमईन हैं
bahut hi achhi lagi ye panktiyan
bahut bahut badhai
poonam
aap sabhi ka mere utsah vardhan ke liye bahut bahut dhanyavaad aage bhi aap sab ke ashirwaad or margdarshan ki kamna karti hun
ReplyDeleteWah kya bat hai..........
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