न जाने कहाँ से जन्म लेते इतने सवाल
न जाने क्यूँ अंतस में उठते हैं इतने सवाल
वक़्त पैदा करता है या हालात जन्म देते हैं सवालो को?
सवाल जो अनसुलझे रह जाते हैं
सवाल जो अपने आपमें कितना कुछ कह जाते हैं
सवाल जिनके कोई जवाब नहीं होते
सवाल जो कचोटते रहते हैं मनं को जागते -सोते
सवाल जिनके जवाब एक नया सवाल खड़ा कर देते हैं
सवाल जो एक छोटी सी बात को बड़ा कर देते हैं
सवाल जो कभी झूठ पर से पर्दा हटा देते हैं
सवाल जो अस्तित्व पर भी प्रश्नचिन्ह लगा देते हैं
सवाल जिनका जवाब जानकर भी हम किसी से जवाब की अपेक्षा करते हैं
सवाल जिनके जवाब अपने अनुसार देकर हम खुद को संतुष्ट करने की कोशिश करते हैं
सवाल जो बस उठ जाते हैं कभी मजहब,कभी नाम पर ,कभी चरित्र तो कभी ईमान पर
सवाल जो असीमित हैं,जिनका दायरा कभी ख़त्म ही नहीं होता
सवाल जो प्रश्नचिन्ह लगा देते हैं हर विश्वास के आगे
सवाल जो सबसे बड़ा है वो ये की कहाँ से आते हैं ये सवाल और क्यूँ इन सवालो का कोई अंत नहीं होता ???????
सवाल जो असीमित हैं,जिनका दायरा कभी ख़त्म ही नहीं होता
ReplyDeleteसवाल जो प्रश्नचिन्ह लगा देते हैं हर विश्वास के आगे
keep writing,good blog
ख़ामोशी सिर्फ ख़ामोशी नहीं होती ख़ामोशी का भी गहन अर्थ होता है
ReplyDeleteBAHUT SAHEE KAHA...KAI BAAR KHAMOSHI WAH SAB KAH JAATI JO LABON SE KAHNA KAASAN NAHI HOTA....
KHOOBSOORAT RACHNA.....
ख़ामोशी से यादों में फिर एक बार पिछली जिंदगी जी जाता है
ReplyDeleteऔर कभी भविष्य की चिंता में जलता है
Somali ji
kya khoobsurati se gehen panktiyaan likhi hai aapne, mere yahaan aane ke liye shukriyaa, aapka follower ban raha hoon to aata rahunga aapko padhne.
dhanyavaad surendra sir
ReplyDeletesomali ji
ReplyDeletebhaut hi jordar lagi aapki rachna bilkul sateek chitran kiya hai khamoshi ka
खामोश रहकर न जाने कितनी बातें वो खुद से कर जाता है,
खुद से हँसता,रोता कभी खुद शंशय से भर जाता है,
खामोश वो कुछ पल के लिए दुनिया से दूर निकल जाता है
गहरे कहीं अपने ही मनं में उतर जाता है ,
sach hai insaan jab khamosh rahta hai to vicharon ke badlon ka manthan dil hi dil me chalta rahta hai.
bahut umda------
badhai
poonam
thnk u mam
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