ख़ामोशी सिर्फ ख़ामोशी नहीं होती
लब जब खामोश होते हैं,तब दिल में खयालो का इक तूफ़ान उठा होता है,
खामोश बैठा शख्स,मनं में उलझते खयालो को सुलझाने में जुटा होता है ,
मौन है वो लेकिन अंतर्मन विचलित होता है,
ख़ामोशी को ओढ़े वो दिल ही दिल में चिंतित होता है,
खामोश रहकर न जाने कितनी बातें वो खुद से कर जाता है,
खुद से हँसता,रोता कभी खुद शंशय से भर जाता है,
खामोश वो कुछ पल के लिए दुनिया से दूर निकल जाता है
गहरे कहीं अपने ही मनं में उतर जाता है ,
चलते हुए मनं के गलियारों में न जाने कितने विचारो से टकराता है,
कहीं यादों में उतरता है तो कहीं खुद के सवालो से कतराता है,
ख़ामोशी से यादों में फिर एक बार पिछली जिंदगी जी जाता है
और कभी भविष्य की चिंता में जलता है
खामोश लम्हों में घुलते हुए बुरी यादो में कुछ गलत फैसले ले लेता है
और कभी खामोश लम्हों में लिए फैसलों से दुनिया जीत लेता है
ख़ामोशी सिर्फ ख़ामोशी नहीं होती ख़ामोशी का भी गहन अर्थ होता है
जब खामोश हो इंसान दुनिया के सामने तब वो सिर्फ खुद से रु-ब रु होता है
- सोमाली
खामोश वो कुछ पल के लिए दुनिया से दूर निकल जाता है
ReplyDeleteगहरे कहीं अपने ही मनं में उतर जाता है ,
चलते हुए मनं के गलियारों में न जाने कितने विचारो से टकराता है,
कहीं यादों में उतरता है तो कहीं खुद के सवालो से कतराता है...
बहुत सुन्दर और सटीक पंक्तियाँ! बेहद ख़ूबसूरत और भावपूर्ण रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है!
thnx mam
ReplyDeleteअच्छा लिखा है
ReplyDeleteमनमोहक !!
ख़ामोशी सिर्फ ख़ामोशी नहीं होती ख़ामोशी का भी गहन अर्थ होता है
ReplyDeleteजब खामोश हो इंसान दुनिया के सामने तब वो सिर्फ खुद से रु-ब रु होता है
खामोश वो कुछ पल के लिए दुनिया से दूर निकल जाता है
गहरे कहीं अपने ही मनं में उतर जाता है ,
bahut sunder ...keep writing
jitni khamoshi baat karti hai humse utna to kisi k bolte shabd bhi nahi karte hain.....
ReplyDeletebahut sunder rachna....kabile tareef:)
ख़ामोशी सिर्फ ख़ामोशी नहीं होती ख़ामोशी का भी गहन अर्थ होता है
ReplyDeleteजब खामोश हो इंसान दुनिया के सामने तब वो सिर्फ खुद से रु-ब रु होता है
waah dil ko chu gaye alfaj..........
लब जब खामोश होते हैं,तब दिल में खयालो का इक तूफ़ान उठा होता है,
ReplyDeleteखामोश बैठा शख्स,मनं में उलझते खयालो को सुलझाने में जुटा होता है ,
bahut hi sunder lines..........
सोमाली जी आपके ब्लॉग पर पहली दफा आया हूँ.कायल हूँ आपकी काव्य प्रतिभा से.सुन्दर भावनाओं को सरल और बेहतरीन शब्द दिए हैं आपने.
ReplyDeleteआपकी इस सुन्दर प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत आभार.
मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.आपका हार्दिक स्वागत है.
बहुत सुन्दर ... उम्दा लिखा है आपने ... हर पैरा का अपना हि आनंद है... बधाई..
ReplyDeleteखामोश रहकर न जाने कितनी बातें वो खुद से कर जाता है,
ReplyDeleteखुद से हँसता,रोता कभी खुद शंशय से भर जाता है
somali dil se likhati ho isliye dil ko choo jati ho.sunder rachana badhai ho