रास्ते बदलते बदलते मैंने मंजिल भी अपनी खो दी
अब याद बहुत वो छूटा हुआ सफ़र आता है
कभी करके देखो वफ़ा तुम बेवफाई के बदले
फिर देखो इश्क में लुटने का मजा किस कदर आता है
क्यूँ है हैवानियत सवार इसके सर पे
की शक्ल से तो ये भी इंसान नजर आता है
शायद सीख जाये दिल तोड़ने का हुनर हम भी तेरे साथ रहकर
संगत का कुछ न कुछ तो जरुर असर आता है
-सोमाली