Friday, 28 June 2019


भले ख्याल बेड़ियों में जकड़े हो तुम्हारे
और बोलने पर लगे हों ताले
चाहे लहू नारंगी -हरा हो चला हो
जीवन अफवाहों की भेंट चढ़ जाए
मासूमों को साँसों की कमी पड़ जाए
पर स्वतंत्रता के गान फिर भी तुम गाते रहना


भले बेटियों के लिए देश शमशान हो
हर पल जीवन का जब समर समान हो
क्या कन्या क्या नारी,बस देह हो सारी
बिकती रहे,जलती रहे ,मरती रहे ,लुटती रहे
रिवाज़ों की ओट में सारे कुकर्म महान हो
पर यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते की रट लगाते रहना



भले भूख गरीबी बेरोज़गारी हो
भटका युवा दंगो का व्यापारी हो
औचित्यपूर्ण सवालों पर धर्म भारी हो
सवाल उठाना घोर गद्दारी हो
जी हुजूरी सफलता का आश्वासन
ईमानदारी तो बेबसी लाचारी हो
पर मेरा देश महान तुम गुनगुनाते रहना



भले इतिहास बदला जाता रहे 
या संविधान धूल खाता रहे
गायों पर इंसान का जीवन ज़ाया हो
शिक्षा कर्मकांड की बलि चढे
किसान लोटता रहे सड़को पर
संस्थानों पर पहरेदारी बढ़े
सती के सम्मान को सबकी बाहें चढ़े
पर स्त्री के अपमान पर लहू में उबाल भी न पड़े
भले विकास की यात्रा पीछे की ओर चले
पर विश्व गुरु के ख्वाब तुम सजाते रहना



पर देखना गलती से भी
सरोकार से सरोकार न हो
मानवता की कहीं बात न हो
विज्ञान की कोई बिसात न हो
मोहब्बतों की बरसात न हो
कहीं कमजोर न हो जाए नींव नफरतों की
इसलिए सम्पूर्ण भक्तिभाव से
राष्ट्रवाद का तानपुरा बजाते रहना
मेरा भारत महान गर्व से गाते रहना


                                     
                                       -सोमाली